
बांग्लादेश में जैसे ही 12 फरवरी 2026 के चुनावों का ऐलान हुआ, राजनीति में ऐसा विस्फोट हुआ कि पूरी ढाका की हवा बदल गई। शेख हसीना की पार्टी Awami League ने चुनाव कार्यक्रम को एक झटके में “गैरकानूनी, पक्षपाती और जनता की आवाज़ का गला घोंटने वाला प्लान” बता दिया।
सोशल मीडिया X पर पार्टी ने इतना तीखा बयान जारी किया कि पढ़कर विपक्ष भी शांत हो गया और समर्थक चौकन्ने।
“ये चुनाव नहीं, सेट मैच है” — Awami League का सीधा वार
Awami League ने बयान दिया- “अवैध, कब्ज़ा करने वाले, हत्यारे–फासीवादी यूनुस गुट का चुनाव आयोग चुनाव नहीं, नाटक करा रहा है।”
पार्टी का दावा—देश के असली प्रतिनिधियों को बाहर रखकर चुनाव करवाना जनता के साथ मजाक है। इस वातावरण में निष्पक्ष चुनाव संभव ही नहीं।
आवामी लीग की बड़ी शर्तें—‘First fix the system, then talk election!’
पार्टी ने चुनाव में उतरने से पहले ये डिमांड लिस्ट रखी:
- पार्टी पर लगा प्रतिबंध हटाओ
- शेख हसीना व अन्य नेताओं के केस वापस लो
- चुनाव के लिए Caretaker सरकार नियुक्त करो
- सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करो
कुल मिलाकर, पार्टी का कहना है— “रिंग में लड़ने बुला रहे हो, पर हमारे हाथ ही बांध दिए!”

सरकार को सख्त चेतावनी
Awami League ने चेतावनी दी कि “बिना हमारी भागीदारी के चुनाव करवाया गया तो जनता उसे रिजेक्ट कर देगी।”
यानी विपक्ष, सरकार और चुनाव आयोग—तीनों अब सीधी भिड़ंत की पोज़ में खड़े हैं।
12 फरवरी: चुनाव भी, जनमत संग्रह भी — राजनीति का ‘डबल धमाका’
CEC A.M.M. Nasir ने ऐलान किया कि 300 सीटों पर मतदान 12 फरवरी को होगा। उसी दिन एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह भी होगा। ये ऑल-इन-वन पॉलिटिकल डे बांग्लादेश के भविष्य की दिशा तय कर सकता है।
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